नई दिल्ली : दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय के बीच 11 साल बाद समन्वय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और राजधानी के अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल हुए। गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह दिल्ली सरकार के साथ समन्वय बनाकर काम करे। इसके अलावा, उन्होंने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया। उन्होंने इसे राष्ट्रीय मुद्दा बताते हुए सख्ती से निपटने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही, उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए, जो अपनी जिम्मेदारियां ठीक से नहीं निभा रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि देश में अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों, उनके दस्तावेज तैयार कराने और शरण दिलाने वाले पूरे नेटवर्क पर कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें निर्वासित करने की बात कही। साथ ही, उन्होंने लगातार कमजोर प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों और उप-विभागों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत बताई। उन्होंने दिल्ली पुलिस को अंतरराज्यीय गिरोहों का पूरी तरह सफाया करने और मादक पदार्थों के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने का निर्देश दिया।
दिल्ली, एक केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण, इसकी पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आती है। केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में इस मुद्दे को लेकर कई बार टकराव की स्थिति बनी थी, क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास पुलिस पर कोई अधिकार नहीं होता। अब, जब दिल्ली और केंद्र में एक ही दल की सरकार है, तो परिस्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं। समन्वय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और राज्य के गृह मंत्री अशीष सूद के निर्देशों का पालन करें।