हरियाणा के एक परिवार ने कथित रूप से अमेरिका पहुंचने के लिए 1.2 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन 12 दिन के भीतर उन्हें वापस देश भेज दिया गया। पुलिस की जांच अब तीन ट्रेवल एजेंटों पर केंद्रित है, जिन्होंने अवैध यात्रा के मार्गों का वादा किया था, जिनसे लोगों को विदेशी अवसरों का लालच दिया जाता है, और यह सब बहुत ज्यादा कीमतों पर किया जाता है।
आपराधिक विश्वास का उल्लंघन, धोखाधड़ी, और मानव तस्करी जैसे आरोप गंभीर हैं, और आप्रवासन अधिनियम की धारा यह दर्शाती है कि ऐसे ऑपरेशन न केवल खतरनाक होते हैं, बल्कि आपराधिक भी होते हैं। इन ट्रेवल एजेंटों को अवैध प्रवासन को बढ़ावा देने में उनके रोल के लिए गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, जो न केवल व्यक्तियों को जोखिम में डालता है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को भी तनाव में डालता है।
यह मामला यह भी दर्शाता है कि लोग अक्सर बेहतर जीवन की तलाश में अवैध रास्तों पर चलने के लिए बड़ी रकम चुकाते हैं। इस तरह के मामलों में जागरूकता की कमी और विदेशों में बेहतर अवसरों की तलाश करने वाले लोगों की संवेदनशीलता को लेकर सवाल उठते हैं।
परमजीत सिंह ने अपने बच्चों की बेहतर पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए कुरुक्षेत्र में बसने का निर्णय लिया था। कुछ समय बाद, मई 2024 में, वह ट्रेवल एजेंटों से मिले। परमजीत के अनुसार, ट्रेवल एजेंटों ने उन्हें और उनके परिवार को अमेरिका भेजने का वादा किया, जिसमें उन्हें नौकरी और बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा देने का आश्वासन दिया गया था। 21 मई 2024 को, परमजीत, उनकी पत्नी ओमी देवी, बेटी काजल काइनवाल, बेटे जतिन काइनवाल के पासपोर्ट और 1.5 लाख रुपये ट्रेवल एजेंटों को सौंप दिए गए थे।
पैसों के इंतजाम के लिए परमजीत ने अपना घर जून 2024 में 74 लाख रुपये में बेच दिया। अगस्त 2024 उन्होंने ट्रेवल एजेंट्स को 8 लाख रुपये दिए जब कि बाकी 40 लाख रुपये का भुगतान 18 दिसंबर 2024 को किया गया। ट्रेवल एजेंट्स के कहे मुताबिक बाकी 70 लाख रुपये अमेरिका पहुंचने के बाद वसूले जाएंगे।
21 दिसंबर 2024 को परमजीत का परिवार दिल्ली से रोम के लिए उड़ान भरते हैं, फिर पेरिस जाते हैं और 27 दिसंबर 2024 को कोस्टा रिका पहुंचते हैं। 15 दिन बाद वे सड़क मार्ग से मेक्सिको पहुंच जाते हैं।
मामले की रिपोर्ट में परमजीत ने कहा है कि उन्हें मेक्सिको में तस्करी या अवैध रूप से बंदी बनाया गया और ट्रेवल एजेंटों के सहयोगियों द्वारा उन्हें मजबूर किया गया कि वह अपने रिश्तेदारों को कॉल कर बाकी बचे 70 लाख का भुगतान करने कि लिए बोले। उनके फोन और पासपोर्ट उनसे छीन लिए गए थे और उन्हें शारीरिक रूप से पीटा गया और उन्हें भूखा रखा गया।”15 जनवरी को, मैंने अपने भाई से ट्रेवल एजेंटों को 70 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा था और अगले दिन वही भुगतान उन्हें किया गया,” पुलिस शिकायत में परजीत ने कहा।
परमजीत के कहे अनुसार वह 22 जनवरी 2025 को अमेरिकी सीमा पार करने के बाद गिरफ्तार हो गए थे, वहां भी उनके साथ अत्याचार किया गया और अंत में 5 फरवरी 2025 को उन्हें भारत भेज दिया गया। भारत लौटने के बाद, उन्होंने ट्रेवल एजेंट सलिंदर भुरा को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाय।
जांच अधिकारी (IO), सब-इंस्पेक्टर रामपाल ने बताया है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। अब तक, हरियाणा पुलिस ने ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ कम से कम पांच एफआईआर दर्ज की हैं।