सचिन पायलट मामले में कांग्रेस के भीतर दो दिन चले मंथन के बाद अब रणनीति बदल दी है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान इस मामले में जल्दबाजी नहीं करना चाहता और बहुत सोच समझकर ही इस मामले में आगे फैसला लिया जाएगा। पायलट मामले में दो दिन चले बैठकों के दौर के बाद अब बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है। दूसरी और सचिन पायलट ने फिर से फील्ड में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है। 17 अप्रैल को वह इसकी शुरुआत करने जा रहे हैं।
सचिन पायलट मामले को लेकर प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पिछले तीन दिन से तेवर दिखा रहे थे, उनमें अब बदलाव आ चुका है। पहले रंधावा ने पायलट के अनशन से पहले ही रात में बयान जारी करके पार्टी विरोधी गतिविधि बताया था। अगले दिन पायलट ने अनशन के बाद भाजपा को निशाने पर लिया और भाजपा राज के करप्शन पर ही सवाल उठाए। रंधावा ने पायलट के अनशन के बाद कहा कि राजस्थान को पंजाब नहीं बनने दिया जाएगा और अब कार्रवाई होगी। मेरे से पहले जो हुआ उनमें कार्रवाई कई बार होनी चाहिए थी, लेकिन अब होगी। रंधावा के तेवर अब पहले जैसे नहीं रहे। रंधावा अब वरिष्ठ नेताओं की सलाह से फैसले की बात कहकर इसमें वक्त लगने की बात कह रहे हैं।
आपको बता दें कि सचिन पायलट मामले में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दखल दिया है। प्रभारी सुखजिंदर रंधावा और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी से राजस्थान को लेकर चर्चा की। राहुल गांधी ने दोनों नेताओं को राजस्थान के मामले को बहुत सावधानी से हैंडल करने की सलाह दी है।