संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के आरोपों में घिरे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। दरअसल, संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले मामले में एसओजी ने जोधपुर समेत जालोर और बाड़मेर जिले में एफआईआर करनी शुरू कर दी थी। इन एफआईआर के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने 24 मार्च को जोधपुर हाईकोर्ट में मामले की जांच सीबीआई से करवाने और गिरफ्तारी पर रोक की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। इससे पूर्व 28 मार्च और 3 अप्रैल को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट जस्टिस मनेाज गर्ग और प्रवीर भटनागर की बेंच ने सुनवाई पर इनकार कर दिया था। लेकिन, 13 अप्रैल गुरुवार को हुई सुनवाई में जस्टिस कुलदीप माथुर ने राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और 3 सप्ताह बाद दोबारा सुनवाई के लिए कहा गया है।
वहीं केंद्रीय मंत्री शेखावत को राहत मिलने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने उन पर निशाना साधा। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान शेखावत को लेकर तंज कसा और बोले- गजेंद्र सिंह शेखावत ने गिरफ्तारी पर रोक लगवाई है। कल तक तो कह रहे थे मैं तो इस मामले में हू ही नहीं तो फिर हाईकोर्ट क्यों पहुंचे ? अपने अरेस्ट न होने पर अपील क्यों लगवाई है। मैं कहना चाहूंगा कि- 2 लाख परिवार बर्बाद हो गए, उन्हें शर्म आनी चाहिए कि केंद्रीय मंत्री होकर अपनी गलती स्वीकार नहीं कर रहे हैं। अपने दोस्तों को कहे, जो प्रॉपर्टी देश-विदेश में है उन्हें बेच कर रुपए चुकाए। मुझे गुस्सा आ रहा है। ये आगे बढ़कर नहीं कह रहे हैं कि पैसे दिलवाऊंगा। पैसे क्यों नहीं दिलवा रहे हैं। यदि मुलजिम नहीं थे तो क्यों गए हाईकोर्ट ?
बता दें कि पिछले कुछ महीने से संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसायटी के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आमने-सामने हैं। संजीवनी मुद्दे को लेकर 21 फरवरी को सीएम ने शेखावत समेत उनके परिवार को इस घोटाले का आरोपी बताया था। इसके बाद शेखावत ने मार्च के पहले सप्ताह में गहलोत के खिलाफ दिल्ली की कोर्ट में मानहानि केस दायर किया था।